लेखनी कहानी -03-Jan-2022
सूर्यास्त जीवन नहीं है
अग्नि समाहित गंगा में
मनुष्य विचलित जीवन सारे है
शुद्ध जीवन वन में!
सूर्यास्त जीवन....
सुबह अभिजीत स्वप्न में
अहंकार तन- मन धारण न रहे है
शुद्ध जीवन घर में!
सूर्यास्त जीवन....
भक्ति - भजन मंदिर में
कुटुंब संसार स्वर्ग लागे है
शुद्ध जीवन नभ में!
#प्र